पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को राष्ट्रपति मुर्मू प्रधानमंत्री मोदी समेत सभी पार्टियों के नेताओं ने श्रद्धा सुमन अर्पित किए

पूर्व प्रधानमंत्री व देश के आर्थिक उदारीकरण के पुरोधा डॉक्टर मनमोहन सिंह का अंतिम संस्कार शनिवार को दिल्ली के निगम घाट पर सुबह 11:45 बजे पूरे राजकीय सम्मान से होगा सुबह 8:30 बजे से डॉक्टर मनमोहन सिंह का पार्थिव शरीर कांग्रेस मुख्यालय में रखा जाएगा जहां पार्टी कार्यकर्ता व आम जनता का दर्शन कर सकेंगे इसके बाद सुबह 9:30 बजे से उनका अंतिम यात्रा शुरू होगी राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू पीएम नरेंद्र मोदी और आने परियों के दिग्गज नेताओं ने दिव्यांग डॉक्टर मनमोहन सिंह को शुक्रवार को उनके निवास पर श्रद्धांजलि दी उपराष्ट्रपति बनाकर कांग्रेस नेता सोनिया गांधी कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी और कई केंद्रीय मंत्री उनके निवास पर पहुंचे वालों में शामिल हुए सभी ने डॉक्टर मनमोहन सिंह की पत्नी गुरु शरण कौर वपरिवार को सांत्वनदी और दुख को सहन करने का बादशाह बढ़ाया केंद्रीय मंत्रिमंडल ने शुक्रवार को बैठक का पूर्व प्रधानमंत्री के मौत का अशोकमनाया पीएम मोदी की अध्यक्षता में हुई 2 मिनट का मौन रखकर मनमोहन सिंह को श्रद्धांजलि दी गई शोक प्रस्ताव में कहा गया कि मनमोहन सिंह महत्वपूर्ण राजनीतिज्ञ अति विशिष्ट नेतृत्व करता हुआ अर्थशास्त्री थेउन्होंने राष्ट्र की जीवन पर अपनी छाप छोड़ दी डॉक्टर मनमोहन सिंह का बृहस्पतिवार रात में एम्स मेंनिधन हो गया

संघर्षों से ऊंचाई हासिल करना डॉक्टर मनमोहन सिंह से सीख सकती है भाभी पीढ़ी

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने डॉक्टर मनमोहन सिंह के निधन के लिए छाती बताया उन्होंने कहा विभाजन के उसे दौर में बहुत कुछ होकर भारत आना और यहां हर क्षेत्र में उपलब्धि हासिल करना सामान्य बात नहीं है अभाव में संघर्षों से कैसे ऊंचाइयां हासिल की जा सकती हैं उनका जीवन यह सीख भाभी पीढ़ी तो देता है नेक इंसान वह विद्वान अर्थशास्त्री के रूप में वह हमेशा याद रहेंगे उन्होंने अर्थशास्त्री के रूप में भारत में कई पदों पर सेवाएं दी आर्थिक उदारीकरण में न्यू राखी जानता वह देश के विकास में के प्रति उनका समर्पण हमेशा याद रहेगा डॉ मनमोहन सिंह का जीवन ईमानदारी सादगी का प्रतीक था सौभाग्य बौद्धिकता उनकी पहचान रही प्रधानमंत्री मोदी ने कहा बताओ सांसद भी उनका समर्पण सीखने लायक है उच्च पदों पर रहते हुए अपनी जड़ों को कभी नहीं भूले वह सभी के लिए सहज उपलब्ध रहे

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