मनमोहन सिंह जिन्होने दुनिया को मनवाया लोहा

मनमोहन सिंह ने बताओ प्रधानमंत्री खुद को कभी मीडिया से बचने की कोशिश नहीं उन्होंने कई संवाददाता सम्मेलन किया जिसमें उनकी आखिरी प्रेस कॉन्फ्रेंस सबसे ज्यादा थी इसमें उनसे पूछा गया कि वह बताओ प्रधानमंत्री अपने अंदर क्या आते हैं उनके बिना इसके जवाब था इतिहास मेरा सही आकलन करेगा और आज वाकई जब मोहन सिंह जी हमारे बीच नहीं रहे तो इतिहास में सही वक्त आ रहा है जब इतिहास उनको आगे का तो निश्चित रूप से याद करेगा बताओ वित्त मंत्री मनमोहन सिंह ने भारत की अर्थव्यवस्था को तब संकट से उबरा जब उनकी पूर्ण भारती सरकार देश का सोना तक विदेश में गिरवी रख चुकी थी यह तो आर्थिक स्थिति का सुधारक का जनक नरसिंह राव को माना जाता है लेकिन उनके सूत्रधार और अमल में लाने वाले तत्कालीन वित्त मंत्री मनमोहन सिंह ही थे

भारत में मनमोहन सिंह को लेकर लोग जो भी राय बताते रहे हैं हां लेकिन दुनिया किस पायदान पर रखती है इसका अंदाजा उनके साथ विदेश यात्राओं पर जाने में मिलता था बात 2012 की है जी-20 सम्मेलन मेक्सिको में लस्ट वह शहर में था तत्कालीन प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के साथ जाने वाले प्रतिनिधि मंडल में बतौर पत्रकार में भी शामिल था तय समय पर सभी पत्रकार सम्मेलन में पहुंच गए थे मीडिया के लिए निर्धारित कच्छ में हमें पूरे मंडप का नजारा दिख रहा था हमने देखा एक-एक कर सभी राष्ट्रीय अध्यक्ष आ रहे हैं और मंडप के बाहर पोस्ट को बाहर मेक्सिको के प्रोटोकॉल फॉलो कर रहे हैं इन अति विशिष्ट राष्ट्रीय अध्यक्षों में अमेरिका आरुष इंग्लैंड जर्मनी जैसे देशों के शीर्ष नेता थे अचानक मेक्सिको के राष्ट्रपति बाहर पोस्ट में आकर खड़े हो गए हमारे उत्सुकता बढ़ गई कि राष्ट्रपति किस के लिए आए हैं तभी चीन के राष्ट्रपति उन्हें भीतर ले गए तो हम फिर चौंक गए जब मेजबान राष्ट्रपति फिर बाहर पोस्ट में आ गए हमारी खुशी का ठिकाना ना रहा जब हमारे प्रधानमंत्री की तिरंगा लगी कर आई और मेजबान राष्ट्रपति ने आगे बढ़कर मनमोहन सिंह का स्वागत किया उन्हें सम्मान से भीतर ले गए हमारे लिए बड़ा सवाल था कि आखिर सिर्फ भारत और चीन के राष्ट्रीय पक्षियों को ऐसा सम्मान क्यों किया इसका जवाब भी जल्द ही मिल गया जब हमने देखा कि मंच पर सबसे ज्यादा किसी की पूछ थी तो वह भारत व चीन के राष्ट्रीय अध्यक्षों की थी ‘

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